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एक बार फिर विवादों में घिरीं मोदी की "छोटी बहन" ईरानी

एक बार फिर विवादों में घिरीं मोदी की
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की "छोटी बहन" और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। एक शख्स के तारीफ करने पर उन पर उसे नागपुर के विश्वेस्वरैया राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (वीएनआईटी) के चेयरमैन का पद देने का आरोप लगा है। एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, वीएनआईटी के अध्यक्ष बनाए गए विश्राम जमादार ने मंत्री पद संभालने के दो दिन बाद ईरानी को एक बधाई भेजा था, जिसके साथ साथ उसने अपना रेज्यूम भी भेजा था। उस पत्र में उसने नागपुर में उनसे हुई एक छोटी मुलाकात का जिक्र करते हुए खुद को आरएसएस का एक कार्यकर्ता बताया था। खबर के अनुसार, एचआरडी मंत्रालय ने उस पद के लिए चार लोगों के नामों की संस्तुति की थी लेकिन उनके नामों को दरकिनार करके राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए एक मात्र नाम विश्राम जमादार का भेजा गया। 15 सितंबर को उनको वीएनआईटी का चेयरमैन बनाए जानी की मंजूरी मिल गई। 28 मई को लिखे पत्र में जमादार ने कहा, "नागपुर में उसके निवास पर और दिल्ली में भाजपा कार्यालय में आप से मुलाकात के बाद उसे और उसके परिवार को आप में विशिष्ट व्यक्तित्व नजर आता है। हम लोग इस बात से पूरी तरह आश्वस्त हैं कि आपके योग्य नेतृत्व में मंत्रालय अपने उच्च लक्ष्यों को हासिल करेगा।" ईरानी ने 26 मई को मंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ ली थीं। उन्होंने आगे लिखा, "मैंने इस पत्र के साथ अपना रेज्यूमे भी अटैच किया है।" उन्होंने ईरानी को बताया है कि आरएसएस पृष्ठभूमि से होने के बावजूद वे वीएनआईटी नागपुर में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य रहे। उस दौरान अर्जुन सिंह एचआरडी मंत्री रहे। "इस पृष्ठभूमि से होने के कारण उनको लगता है कि इस कॉलेज के विकास के लिए उनको वीएनआईटी के चेयरमैन बनने का अवसर देना चाहिए। खासतौर से मई 2014 में वर्तमान चेयरमैन का कार्यकाल पूरा हो रहा है। अगर उनको इसकी जिम्मेदारी दी जाती है तो पूरे मनोयोग से वह काम करेंगे।" रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी के कार्यकाल संभालने के समय देश के 12 एनआईटी कॉलेजों में नियुक्तियों के मामले लंबित हैं लेकिन ईरानी ने केवल नागपुर की भर्ती निकाली। हालांकि मंत्रालय ने इस पद के लिए चार नामों प्रोफेसर डॉ. श्रीराम इनामदार, हीरो होंडा मोटर्स लि. के चेयरमैन बीएम मुंजाल, एम जी परेश्वरन और पोलारिस साफ्टवेयर लि. के चेयरमेन अरूण जैन पर विचार करने की सिफारिश की थी। लेकिन ईरानी ने एक सप्ताह के बाद केवल जामदार का नाम को प्रस्तावित किया और उसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया। एनआईटी एक्ट 2007 के अनुसार एनआईटी चेयरमैन के पद के लिए कम से कम दो लोगों का नाम पैनल में भेजा जाता है।
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